Friday, 19 September 2014

अभियंता दिवस 2014 -"मोबाइल एवं सोशल साइट्स" विषय पर सेमीनार का आयोजन


निष्कर्ष -

सोशल साइट्स नहीं बनाती सोशल,

सामाजिकता को खत्म कर रहा है मोबाइल व इन्टरनेट का अतिप्रयोग

किशोरों एवं युवा वर्ग में मोबाइल एवं सोशल साइट्स के उपयोग की लत तो बढ़ी ही है, बुजुर्ग भी इससे अछूते नहीं हैं । इनके अति प्रयोग से शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक तकलीफें बढ़ रही हैं । ऐसा होना विज्ञान एवं तकनीकी के सर्वहित, सर्व विकास के मूल उद्देश्यों के विपरीत है। ये विचार विद्या भवन पॉलिटेक्निक महाविद्यालय में दिनांक 16.9.2014 को आयोजित अभियंता दिवसएवं विश्वकर्मा जयंती पर आयोजित सेमिनार में उभरे । 


कार्यक्रम का आयोजन इण्डियन सोसायटी फॉर टेक्निकल एजुकेशन, इंस्टिट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स, स्टूडेन्ट चेप्टर तथा पूर्व विद्यार्थी संघ की ओर से किया गया । अभियंता दिवस वैसे तो 15 सितम्बर को मनाया जाता है लेकिन इस दिन कई कार्यक्रम हो जाने के कारण पॉलिटेक्निक में इसे 16 सितम्बर को मनाने की प्रथा यहाँ के पूर्व विद्यार्थी संघ ने डाल रखी है ।

कार्यक्रम में "मोबाइल एवं सोशल साइट्स की अति का युवाओं पर प्रभाव" विषय पर लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया । इसमें अच्छा लिखने वाले विद्यार्थिर्यों में सुश्री पोलोमी सान्याल, जयेश राठौड़ और श्री अक्षत शर्मा रहे । श्री अक्षत ने कहा कि सोशल साइट्स सामाजिकता को बढ़ावा नहीं देतीं । ये व्यक्ति को सोशल नहीं बनाती हैं, यह एक बड़ी विडम्बना है । सुश्री पोलोमी सान्याल ने सोशल साइट्स के आदी हो चुके लोगों के लिए उदयपुर में काउन्सलिंग सेंटर बनाये जाने की मांग रखी । श्री जयेश ने कहा कि मोबाईल एवं सोशल साइट्स ने विद्यार्थी वर्ग को अध्ययन से विमुख किया है ।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व अधीक्षण अभियंता श्री जी.पी. सोनी ने कहा कि इंटरनेट पर सूचनाओं का अंबार है लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि उपयोगकर्ता अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित रखते हुए गहराई पूर्वक सामग्री चयन कर इंटरनेट का उपयोग करे। इन्होनें कहा कि तथ्यात्मक जानकारी एवं निरन्तर विश्लेषण से ही नवाचार किया जा सकता है ।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य अनिल मेहता ने की । संचालन व श्री विश्वैश्वरैया का जीवन परिचय देने का कार्य प्राध्यापक अमित कुशवाहा ने किया ।  धन्यवाद प्राध्यापक मोहम्मद सिकन्दर ने दिया ।  
प्रेषक - श्री अनिल मेहता, प्राचार्य

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