वर्तमान विधान


पूर्व विद्यार्थी संस्था, विद्या भवन पॉलिटेक्निक, उदयपुर

विधान

1
संस्‍था का नाम    




इस संस्‍था का नाम "पूर्व विद्यार्थी संस्था  - विद्याभवन पॉलिटेक्निक " है व रहेगा । अंग्रेज़ी में इसे “Old Students Institution – Vidya Bhawan Polytechnic” लिखा जा सकेगा । इसका स्‍वरूप एक गैर राजनीतिक सोसायटी का होगा । सन् 1967 से अपंजीकृत संस्था के रूप में कार्यरत “पूर्व छात्र संघ, वी.बी.आर.आई.” एवं बाद में इसके परिवर्तित नाम “पूर्व विद्यार्थी संघ”, विद्याभवन पॉलिटेक्निक कॉलेज” को इस संस्था में विलयित माना जायगा ।
2         
पंजीकृत कार्यालय तथा कार्यक्षेत्र
इस संस्‍था का पंजीकृत कार्यालय विद्याभवन पॉलिटेक्निक महा विद्यालय, बड़गाँव मार्ग, उदयपुर में स्थित होगा व कार्यक्षेत्र संपूर्ण राजस्थान होगा ।
3
संस्था के उद्देश्‍य -



(1)
विद्याभवन पॉलिटेक्निक कॉलेज (जिसमें इसका पूर्व नाम सिविल इंजीनियरिंग विभाग- विद्याभवन रूरल इंस्‍टीट्यूट निहित है) से पढ़े हुए पूर्व छात्र/छात्राएँ अपनी मातृ संस्‍था, यानि विद्याभवन पालिटेक्निक कॉलेज से व आपस में सपरिवार प्रगाढ़ रूप से जुड़े रह सकें व एक दूसरे के हितार्थ कार्य कर सकें इस हेतु कार्य करना


(2)
पूर्व विद्यार्थियों के कार्य/निवास स्‍थान, सम्‍पर्क सूत्र आदि की जानकारी रखना व इसे संस्‍था की वेब साइट का संचालन करते हुए अद्यतन रूप में उपलब्‍ध कराना


(3)
मातृ संस्‍था में प्राप्‍त की गई शिक्षा को जीवंत बनाए रखते हुए उसे और उत्कृष्ट व स़ुदृढ़ करने तथा एक दूसरे के व्‍यावहारिक अनुभवों को आपस में बाँटने के लिये एक मंच उपलब्ध कराना


(4)      
संस्‍था के पूर्व विद्यार्थियों व अध्यापकों में जो कोई विशेष सफलता शिक्षा या कार्य निष्‍पादन क्षेत्र में अर्जित करें उन्‍हें सम्‍मानित करना व उनके अनुभवों का लाभ उठाना


(5)
पूर्व विद्यार्थियों के आपसी सहयोग से तकनीकी क्षेत्र का कोई सामाजिक उत्‍थान कार्य सम्‍पादित करना


(6)
अपनी मातृ संस्‍था के विकास में योगदान इस संस्‍था के सुचारु संचालन के लिए धन एकत्रित करना


(7)
मातृ संस्‍था, यानि पॉलिटेक्निक कॉलेज के अनुरोध पर उत्कृष्ट प्रबंधन हेतु नीति निर्धारण/कार्य संचालन में सहयोग करना व फीड-बैक देना


(8)
तकनीकि कौशल विकास व मानकीकरण के लिये सामुहिक रूप से कार्य करना


(9)
पूर्व विद्यार्थी जब कभी मातृ संस्‍था में या उदयपुर आएँ तो उनके प्रवास की व्‍यवस्‍था उचित लागत पर करने के लिए एक न लाभ न हानि के आधार पर गेस्‍ट हाउस का संचालन करना


उपरोक्त उद्देश्यों की पूर्ति में कोई लाभ निहित नहीं है ।
4
सदस्‍यता की पात्रता

संस्था के कार्यक्षेत्र में निवास होना, बालिग होना, पागल या दिवालिया न होना, संस्था के उद्देश्यों में आस्था होना और संस्था के हितों को सर्वोपरि मानना पात्रता की आधारभूत शर्तें रहेंगी ।



5
सदस्‍यता की श्रेणियाँ


सदस्यता निम्न श्रेणियों में होगी -

1.        संस्थापक
श्री भगवतीलाल मंत्री, जो एक वरिष्ठ पूर्व विद्यार्थी व इस संस्था के गठन के मुख्य प्रेरक हैं वे संस्थापक होंगे । ये संस्था संचालन के लिये मार्गदर्शन दे सकेंगे लेकिन इन्हें आम सभा में वोट देने का अधिकार नहीं होगा ।

2.        संर‍क्षक सदस्‍य     
विद्याभवन पॉलिटेक्निक कॉलेज के पदेन प्राचार्य एवं समस्‍त विधिवत नियुक्त पूर्व प्राचार्यों को संस्‍था का संरक्षक सदस्‍य, उनकी सहमति लेने के बाद,  निशुल्क बनाया जा सकेगा ।

3.        आजीवन सदस्‍य        
संस्था के वे पूर्व विद्यार्थी आजीवन सदस्‍य बनाए जा सकेंगे जिन्‍होंने निर्धारित प्रपत्र में आवेदन किया हो व निर्धारित शुल्‍क जमा कराया हो ।         

4.        मानद् सदस्‍य
क.
वे अध्‍यापक जिन्‍होंने विद्या भवन पॉलिटेक्निक महा विद्यालय में कम से कम दो वर्ष तक कार्य किया हो व संस्‍था के मानद् सदस्‍य बनने को सहमत हों, उन्‍हें मानद् सदस्‍य नि:शुल्‍क मनोनीत किया जा सकेगा ।


ख.
वे गणमान्‍य व्‍यक्ति जो उदयपुर स्थित किसी और संस्‍था/संस्‍थान में कार्यरत हों व अभियांत्रिकी क्षेत्र में उनका कोई उल्‍लेखनीय योगदान हो, वे संस्‍था के मानद् सदस्‍य उनकी सहमति प्राप्त कर नि:शुल्‍क बनाए जा सकेंगे ।         

5.        सह सदस्‍य   
विद्या भवन पॉलिटेक्निक के किसी भी संकाय में अंतिम वर्ष के वे विद्यार्थी जिन्‍होंने निर्धारित प्रपत्र में आवेदन किया हो व निर्धारित शुल्‍क जमा कराया हो इस संस्‍था के सह सदस्‍य बनाए जा सकेंगे । यह सदस्‍यता मातृ संस्‍था छोड़ने के एक वर्ष बाद तक ही जीवित रहेगी ।


आम सभा में वोट देने का अधिकार केवल आजीवन सदस्यों को  ही होगा ।
6
सदस्‍यता शुल्‍क  

सदस्यता शुल्क (एकमुश्त) निम्न प्रकार से रहेगा –
आजीवन सदस्यता -
1987 से पहले उत्तीर्ण पूर्व विद्यार्थी –               रू.  1000/-
1987 से 2006 के बीच उत्तीर्ण पूर्व विद्यार्थी –   रू.  1500/-
2007 और उसके बाद उत्तीर्ण पूर्व विद्यार्थी –      रू.  2500/
सह सदस्यता – रू. 200/-
विभिन्‍न श्रेणियों के लिए प्रति पाँच वर्ष में सदस्‍यता शुल्‍क का पुनःनिर्धारण कार्य कारिणी करेगी जिसका अनुमोदन अगली वार्षिक आम सभा में किया जायेगा । यह जानकारी संस्‍था की वेब साइट पर उलब्‍ध कराई जायेगी ।
7
सदस्यता से निष्कासन



संस्था के सदस्यों का निष्कासन निम्न आधार पर किया जा सकेगा -


(1)  मृत्यु होने पर
(2)  त्यागपत्र देने पर
(3)  संस्था के उद्देश्यों के विपरीत कार्य करने पर
(4)  कार्य कारिणी द्वारा दोषी पाए जाने पर






(3) व (4) के प्रकरणों में संबंधित सदस्य निष्कासन के विरुद्ध अपील 15 दिन के अंदर लिखित में कर सकेगा और इस पर साधारण सभा के बहुमत से निर्णय लेने के लिये वैध रूप से अधिकृत होगी तथा साधारण सभा के बहुमत का निर्णय अंतिम होगा ।
8
साधारण सभा
उपनियम संख्या – 5 में वर्णित समस्त प्रकार के सदस्य मिल कर साधारण सभा का निर्माण करेंगे ।


9
साधारण सभा के कर्तव्य व अधिकार



साधारण सभा के निम्न अधिकार और कर्तन्य होंगे -


(1)
कार्यकारिणी का निर्वाचन करना


(2)
वार्षिक बजट पारित करना


(3)
कार्यकारिणी द्वारा किये गये कार्यों की समीक्षा व पुष्टि करना


(4)
संस्था के कुल सदस्यों के 2/3 बहुमत से विधान में संशोधन /परिवर्तन/ परिवर्धन करना (जो रजिस्ट्रार कार्यालय में फाइल लगा कर प्रमाणित प्रतिलिपि प्राप्त कर लागू होगा ।)
10
साधारण सभा की बैठक



(1)
साधारण सभा की बैठक वर्ष में एक बार, मई के दूसरे शनिवार को कॉलेज परिसर में होगी लेकिन आवश्यकता पड़ने पर साधारण सभा की विशेष बैठक अध्यक्ष द्वारा कभी भी बुलाई जा सकेगी । विशेष बैठक सूचना कम से कम सात दिन पूर्व और विशेष परिस्थितियों में तीन पूर्व देना आवश्यक होगा


(2)
साधारण सभा की बैठक का कोरम कुल सदस्यों का 1/3 होगा । कोरम के अभाव में बैठक स्थगित की जायगी जो पुनः न्यूनतम सात दिन पश्चात निर्धारित समय व स्थान पर बुलाई जा सकेगी । ऐसी पुनः आमंत्रित बैठक में कोरम की आवश्यकता नहीं होगी पर विचारणीय विषय केवल वही होंगे जो कि मूल बैठक के लिये प्रस्तावित थे


(3)
संस्था के 1/3 या न्यूनतम 50 सदस्यों के द्वारा लिखित माँग करने पर अध्यक्ष द्वारा एक माह के अंदर साधारण सभा की विशेष बैठक आहूत करना अनिवार्य होगा । ऐसा नहीं होने पर उक्त 50 सदस्यो में से कोई भी पन्द्रह सदस्य बैठक के लिये नोटिस जारी कर सकेंगे और इस प्रकार की कोरमयुक्त बैठक के समस्त निर्णय वैधानिक व सर्वमान्य होंगे


(4)
साधारण सभा की वार्षिक और विशेष बैठकों का कार्रवाही विवरण रजिस्ट्रार कार्यालय को विशेष वाहक या स्पीड पोस्ट से भेजना आवश्यक होगा
11
कार्यकारिणी का गठन



(1)
संस्‍था के सुचारु संचालन व इसके उद्देश्‍यों की पूर्ति हेतु एक कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा जिसमें निम्‍नलिखित पदाधिकारी होंगे –



   निर्वाचित
मनोनीत



(1)       अध्‍यक्ष
संस्‍थापक - 1



(2)       उपाध्‍यक्ष
संरक्षक व  कॉलेज के पदेन प्राचार्य - 1



(3)       महा सचिव
कार्यकारिणी द्वारा मनोनीत सदस्य – 7
(इनमें पूर्व कार्यकारिणी से – 1, पॉलिटेक्निक कॉलेज से – 2, और अन्य किसी क्षेत्र से  – 4 सदस्य मनोनीत किये जायेंगे ।



(4)       सचिव



(5)       कोषाध्‍यक्ष



(6)       सूचना एवं सम्‍पर्क सचिव 



कुल - 6
कुल - 9



                    महायोग - 15



(2)
निर्वाचित पदाधिकारियों का चयन केवल आजीवन सदस्यों में से ही किया जायगा


(3)
महासचिव व कोषाध्यक्ष पद के लिये पॉलिटेक्निक में कार्यरत आजीवन सदस्य ही पात्र होंगे ताकि संस्था कार्यालय सुचारु चले


(4)
कोई भी सदस्‍य कार्यकारिणी में उसी पद पर लगातार  दो टर्म तक ही रह सकेगा


(5)
कार्यकारिणी में चुने जाने वाले किसी भी पद हेतु कम से कम दो वर्ष पुरानी आजीवन सदस्‍यता अनिवार्य होगी
12
कार्यकारिणी के गठन की प्रक्रिया



(1)
संस्था की कार्यकारिणी का गठन 3 (तीन) वर्ष की अवधि के लिये साधारण सभा द्वारा किया जायगा


(2)
निवर्तमान होने वाली कार्यसमिति अपना कार्यकाल समाप्‍त होने से पहले नई कार्य समिति के गठन की प्रक्रिया, जिस वर्ष चुनाव होने हैं, उस वर्ष मार्च के प्रथम सप्‍ताह में एक चुनाव अधिकारी की नियुक्ति करते हुए करेगी और चुनाव की सूचना जारी करेगी । इस सूचना को वेब साइट पर डालना तथा समुचित प्रचार माध्‍यम से सभी सदस्‍यों को चयन हेतु आमंत्रण देना होगा


(3)
संस्था के कोई पाँच सदस्य निर्वाचन से भरे जाने वाले पदों के लिये किसी सदस्य को उम्‍मीदवार बनाने का प्रस्ताव महासचिव को निर्धारित तिथि तक दे सकेंगे जिसमें संबंधित उम्मीदवार की  लिखित सहमति आवश्यक होगी


(4)
चुनाव प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष प्रणाली द्वारा किया जावेगा । निर्वाचित सदस्य बहुमत के आधार पर मनोनीत सदस्यों की नियुक्ति करेंगे ।


(5)
किसी कारणवश (जैसे स्वर्गवास, त्यागपत्र, अदि से ) कार्यकारिणी का कोई पद निर्धारित कार्यकाल के बीच  रिक्त हो जाने पर कार्यसमिति अपने विवेक से उस पद पर किसी सदस्य को एडहॉक नियुक्त कर सकेगी जिसका अनुमोदन अगली आम सभा में कराना आवश्यक होगा ।


(6)
नव निर्वाचित कार्यसमिति की सूचि रजिस्ट्रार कार्यालय से प्रमाणित प्रति प्राप्त करने पर ही मान्य होगी ।
13
कार्यकारिणी के अधिकार और कर्तव्य



(1)
सदस्य बनाना/निष्कासित करना


(2)
वार्षिक बजट  तैयार करना


(3)
संस्था की संपत्ति की सुरक्षा करना


(4)
वैतनिक कर्मचारियों की नियुक्ति/सेवामुक्त तथा वेतन भत्तों का निर्धारण करना


(5)
साधारण सभा द्वारा पारित निर्णयों की पालना /क्रियान्विति करना


(6)
कार्य संचालन और व्यवस्था हेतु विधि व प्रक्रिया निर्धारित करना, समितियाँ बनाना


(7)
कर्मठ सदस्यों के सहयोग से सदस्यता बढ़ाना व फण्‍ड एकत्र करना


(8)
उन मामलों पर जिनके लिए संविधान में विशिष्ठ प्रावधान नहीं है तथा जिन पर निर्णय संस्‍था के हितार्थ आवश्‍यक है, बहुमत से तत्‍काल निर्णय लेना, लेकिन ऐसे सभी निर्णयों को आगामी आम सभा में अनुमोदन के लिये  प्रस्तुत किया जाना होगा


(9)
अन्य कार्य जो संस्था के हितार्थ हों, करना
14
कार्यकारिणी की बैठकें



(1)      
 कार्यकारिणी की वर्ष में कम से कम 4 बैठकें अनिवार्य होंगी लेकिन आवश्यकतानुसार अध्यक्ष कभी भी बैठक बुला सकेंगे ।


(2)
बैठक की सूचना सामान्यतः कम से कम सात दिन पूर्व दी जायगी लेकिन अत्यावश्यक बैठक कम समय के नोटिस पर कभी भी बुलाई जा सकेगी ।


(3)
बैठक में कोरम कार्यकारिणी के कुल सदस्यों के आधे से अधिक होगा ।


(4)
कोरम के अभाव में बैठक कम से कम एक घंटे के लिये स्थगित की जा कर पदाधिकारियों को बुलाने के  प्रयास किये जायेंगे लेकिन इसके बाद की बैठक में कोरम अनिवार्य नहीं होगा परन्तु विचारणीय विषय वही रहेंगे जो पूर्व में रखे गए थे। ऐसी स्थगित बैठक में कार्यकारिणी के कम से कम तीन निर्वाचित पदाधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी । कोरम रहित बैठक के निर्णयों की पुष्टि आगामी कार्यकारिणी की पूर्ण कोरम वाली बैठक में कराना  अनिवार्य होगा ।
15
कार्य कारिणी के पदाधिकारियों के कर्तव्‍य एवं अधिकार


संस्थापक
(1)
संस्था के विकास, समन्वय व सुचारु संचालन के लिये मार्गदर्शन देना


(2)
संस्था के लिये आर्थिक सहयोग जुटाने में अग्रणी रहना

संरक्षक एवं पदेन प्राचार्य
(1)
संस्था के हितार्थ अपने सुझाव देना


(2)
संस्था के कार्यक्रमों, कार्यालयीन कार्य आदि में कॉलेज की ओर से सक्रिय सहयोग उपल्ब्ध कराना


(3)
अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को संस्था का सह सदस्य बनने के लिये प्रेरित करना व उत्तीर्ण विद्यार्थियों को संस्था के आजीवन सदस्य बनने के लिये प्रेरित करना

अध्यक्ष
(1)
बैठकों की अध्यक्षता करना


(2)
मत बराबर आने पर निर्णायक मत देना


(3)
संस्था का प्रतिनिधित्व करना


(4)
संविदा तथा अन्य दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करना


(5)
संस्‍था की गतिविधियाँ निरन्‍तर चलती रहे इस हेतु समन्वित प्रयास करना


(6)
वार्षिक प्रतिवेदन और बजट तैयार करने में महासचिव व कोषाध्यक्ष को मार्गदर्शन देना


(7)
कार्यसमिति के सहयोग लेते हुए संस्था की वित्तीय व प्रशासनिक स्थिति सुदृढ़ करना

उपाध्यक्ष

अध्यक्ष को पूर्ण सहयोग देना व उनकी अनुपस्थिति में कार्य समिति व साधारण सभा की अध्यक्षता करना एवं वे सभी कार्य करना जो अध्यक्ष से अपेक्षित हों

महा सचिव
(1)
अध्‍यक्ष से मार्गदर्शन लेते हुए कार्य कारिणी की हर वर्ष कम से कम चार बैठकें और साधारण सभा की हर वर्ष कम से कम एक बैठक मई के दूसरे शनिवार को आहूत करना तथा इस बैठक में वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्‍तुत करना।         


(2)
सभी बैठकों का कार्यवाही विवरण सुचारु रखना एवं वेब साइट पर उपलब्‍ध कराना।


(3)
आय व्यय पर नियंत्रण रखना


(4)
वैतनिक कर्मचारियों पर नियंत्रण रखना और उनके वेतन व यात्रा बिल आदि पारित करना


(5)
संस्था का प्रतिनिधत्व करना व कानूनी दस्तावेजों पर संस्था की ओर से हस्ताक्षर करना


(6)
संस्था की संपत्ति की सुरक्षा हेतु वैधानिक व अन्य जो भी कार्य आवश्यक हों, करना

सचिव
(1)
संस्‍था के संचालन में महा सचिव के हर कार्य में सहयोग प्रदान करना     


(2)
महा सचिव के अनुपस्थिति में उनकी संपूर्ण जिम्‍मेदारी वहन करना        

कोषाध्यक्ष
(1)
वार्षिक बजट लेखा जोखा तैयार कर कार्यसमिति से अनुमोदन कराना


(2)
दैनिक लेखों पर नियंत्रण रखना


(3)
संस्था के कोष का संवर्धन व चंदा जुटाना, शुल्क, अनुदान आदि प्राप्त करना व प्राप्त राशि की रसीद देना, बैंक से लेनदेन का काम देखना

सूचना और संपर्क सचिव
(1)

(2)
संस्था के कार्यों ओर उद्देश्यों का प्रसार करना व संस्‍था की गतिविधियों से अवगत कराना तथा नए सदस्‍य बनाना
संस्‍था की वेब साइट पर संस्‍था की सभी जानकारियाँ अपडेट करने में महा सचिव की सहायता करना          


(3)
बैठकों संबंधी सूचना सभी सदस्यों को देना

मनोनीत सदस्य
(1)
(2)
संस्था के हितार्थ कार्य करना
कार्यकारिणी के कार्यों में सहयोग करना
16
संस्था का कोष और लेखे



(1)
संस्था का कोष चंदे, शुल्क, राजकीय या गैर राजकीय सहायता या अनुदान से संचित होगा


(2)
उक्त प्रकार से संचित राशि किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में रखी जावेगी व यथासंभव राशि एफ.डी. के रूप में प्रतिष्ठित बैंकों में रखी जायेगी


(3)      
यथा संभव भुगतान चैक द्वारा किया जाएगा व न्‍यूनतम राशि ही नकद रूप में रखी जाएगी ।


(4)
बैंक खातों का संचालन निम्‍नलिखित पदाधिकारियों में से कोई दो सदस्‍य कर सकेंगे – 1. अध्‍यक्ष  2. महासचिव   3. कोषाध्‍यक्ष
17
कोष संबंधी अधिकार

संस्था के हित में तथा कार्य व समय की आवश्यकतानुसार निम्न पदाधिकारी संस्था की राशि से एक मुश्त व्यय कर सकेंगे –
अध्यक्ष –     25,000/-
महासचिव – 10,000/-
कोषाध्यक्ष –  5,000/-
इससे अधिक के व्यय के लिये कार्यकारिणी का पूर्व अनुमोदन आवश्यक होगा
18
संस्था का अंकेक्षण

संस्था के समस्त लेखे जोखों का वार्षिक अंकेक्षण कराया जावेगा जिसकी अवधि 1 अप्रेल से 31 मार्च होगी । प्रतेक वर्ष की ऑडिट रिपोर्ट रजिस्ट्रार कार्यालय में पेश की जायगी
19
विधान संशोधन
(1)      
इस विधान में कोई भी संशोधन मई माह के दूसरे शनिवार को आयोजित होने वाली आम सभा अथवा इसी प्रयोजन से न्यूनतम एक माह के नोटिस के साथ बुलाई गई विशेष आम सभा में कुल आजीवन सदस्यों के दो तिहाई बहुमत से किया जा सकेगा । इस हेतु आजीवन सदस्‍यों के 25 प्रतिशत की उपस्थिति गणपूर्ति (कोरम) हेतु आवश्‍यक होगी


(2)
समस्त संशोधन राजस्थान राज्य रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1958 की धारा 12 के अनुरूप होंगे
20
विघटन 

इस संस्‍था का विघटन इसी प्रयोजन से बुलाई गई आम सभा तीन चौथाई बहुमत से कर सकेगी । इस हेतु आजीवन सदस्‍यों के 50 प्रतिशत की उपस्थिति गणपूर्ति हेतु आवश्‍यक होगी । विघटन की स्थिति में संस्‍था की परिसम्‍पत्तियाँ एवं राशि समान उद्देश्यों वाली संस्था को हस्तांतरित कर दी जायेंगी लेकिन उक्त कार्रवाही राजस्थान राज्य रजिस्ट्रीकरण अधिनियम 1958 की धारा 13 व 14 के अनुरूप होगी  
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संस्था के लेखे

रजिस्ट्रार, संस्थाएं, उदयपुर को संस्था के लेखे व रिकॉर्ड का निरीक्षण करने का पूर्ण अधिकार होगा व उनके द्वारा दिये गये सुझावों की पूर्ति की जायगी



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प्रमाणित किया जाता है कि उक्त विधान (नियमावली) “पूर्व विद्यार्थी संस्था, विद्या भवन पॉलिटेक्निक महा विद्यालय, उदयपुर” की मूल प्रति है ।

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