पूर्व
विद्यार्थी संघ, विद्या भवन पॉलिटेक्निक महा विद्यालय, उदयपुर
विधान
(दिनांक 27.12.2016 के पूर्व लागू)
1
|
संस्था
का नाम -
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इस संस्था का नाम "पूर्व विद्यार्थी संघ-विद्याभवन
पॉलिटेक्निक महाविद्यालय" होगा व इसका स्वरूप एक गैर राजनीतिक सोसायटी का
होगा ।
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2
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(क)
मुख्य कार्यालय एवं कार्यक्षेत्र -
(ख)
इकाई कार्यालय व उसका कार्यक्षेत्र -
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इस संस्था का मुख्य कार्यालय विद्याभववन पॉलिटेक्निक
महा विद्यालय में स्थित होगा व कार्यक्षेत्र राजस्थान राज्य होगा ।
राजस्थान राज्य के किसी जिले/शहर या प्रतिष्ठान में
25 से अधिक सदस्यों की माँग पर इकाई कार्यालय स्थापित किया जा सकेगा जिसका
कार्य क्षेत्र संबंधित जिला/शहर/प्रतिष्ठान ही होगा ।
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3
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उद्देश्य
-
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1
|
विद्याभवन पॉलिटेक्निक (पूर्व नाम सिविल इंजीनियरिंग
विभाग- विद्याभवन रूरल इंस्टीट्यूट) के पूर्व छात्र/छात्राएँ अपनी मातृ संस्था
से व आपस में जुड़े रह सकें व एक दूसरे के हितार्थ कार्य कर सकें ।
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2
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मातृ संस्था में प्राप्त की गई शिक्षा को जीवंत बनाए
रखते हुए उसे ओर स़दृढ़ कर सकें व एक दूसरे के व्यावहारिक अनुभवों को आपस में
बाँट सकें ।
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3
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पूर्व छात्र/छात्राओं में आपसी सम्पर्क रहे व सपरिवार
इन सम्पर्कों को और प्रगाढ़ कर सकें ।
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4
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पूर्व विद्यार्थी सामूहिक रूप से अभियांत्रिकी वृत्ति के
गुणों का विकास कर सकें व उत्कृष्ठता ला सकें ।
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5
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पूर्व विद्यार्थी अपनी मातृ संस्था के विकास में योगदान
दे सकें ।
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6
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पूर्व विद्यार्थी आपसी सहयोग से तकनीकी क्षेत्र का कोई
सामाजिक उत्थान कार्य सम्पादित कर सकें ।
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4
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साधन
-
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1
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समय-समय पर आपसी सम्पर्क बढ़ाने व सामूहिक कवचार विमर्श
हेतु बैठकें/सेमीनार/पत्रवाचन/कैम्प/पारिवारिक मेल जोल के कार्यक्रम आयोजित
करना ।
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2
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मातृ संस्था के अनुरोध पर नीति निर्धारण/कार्य संचालन
में सहयोग करना व फीड बैक देना ।
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3
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इस संस्था व मातृ संस्था के सुचारु संचालन के लिए धन
एकत्रित करना ।
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4
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सदस्यों को एक दूसरे के कार्य/निवास स्थान, सम्पर्क
सूत्र आदि की जानकारी रखना व इसे संस्था की वेब साइट का संचालन करते हुए अद्यतन
रूप में उपलब्ध कराना ।
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5
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संस्था के पूर्व विद्यार्थियों में जो विशेष सफलता
शिक्षा या कार्य निष्पादन क्षेत्र में अर्जित करें उन्हें सम्मानित करना व
उनके अनुभवों का लाभ उठाना ।
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6
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पूर्व विद्यार्थी जब कभी मातृ संस्था में या उदयपुर आएँ
तो उनके प्रवास की व्यवस्था उचित लागत पर करने के लिए एक गेस्ट हाउस का
संचालन करना ।
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5
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परिभाषाएँ
-
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1
|
"संस्था" का अर्थ "पूर्व विद्यार्थी संघ
विद्याभवन पॉलिटेक्निक महाविद्यालय, उदयपुर" होगा ।
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2
|
"विधान" का अर्थ संस्था के विधान से होगा
जिसमें सभी वैध संशोधनों का समावेश हो ।
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3
|
"सदस्य" से अभिप्राय संस्था के सदस्य से
होगा जिसने इस "विधान" के प्रति निष्ठा व्यक्त करते हुए निर्धारित
प्रपत्र में आवेदन दिया हो व उसे स्वीकार कर संस्था का सदस्य चयनित कर लिया
गया हो । सदस्य के लिए वही व्यक्ति पात्र होगा जो इस मातृ संस्था का
विद्यार्थी रहा हो ।
|
||
4
|
"आजीवन सदस्य" से अभिप्राय उस सदस्य से होगा
जिसने निर्धारित आजीवन सदस्यता शुल्क जमा कर आजीवन सदस्यता ग्रहण कर ली होगी ।
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||
5
|
"मानद् सदस्य" से अभिप्राय उस व्यक्ति से
होगा जिसे संस्था ने मानद् सदस्यता स्वीकृत की हो । यह सदस्यता एक पूर्व
निर्धारित काल तक प्रभावी रहेगी ।
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||
6
|
"सह-सदस्य" से अभिप्राय उस विद्यार्थी से
होगा जो विद्याभवन पॉलिटेक्निक महाविद्यालय के किसी भी संकाय में अंतिम वर्ष का
विद्यार्थी हो व निर्धारित आवेदन के आधार पर सह सदस्य चुन लिया गया हो ।
|
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7
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अ - "कार्य समिति" का अर्थ इस संस्था की
कार्य समिति से होगा जिसे इस विधान के प्रावधानों के अनुसार गठित किया गया हो ।
ब - "इकाई
समिति" का अर्थ इस संस्था की उस इकाई से होगा जो कार्य समिति द्वारा मान्य
हो एवं उसका गठन इस विधान के अनुसार किया गया हो ।
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8
|
"मातृ संस्था" का अर्थ विद्या भवन
पॉलिटेक्निक महा विद्यालय होगा जिसमें पूर्ववर्ती सिविल इंजीनियरिंग विभाग,
विद्या भवन रूरल इंस्टीट्यूट भी समाहित है।
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9
|
"आम सभा" का अर्थ सभी श्रेणियों के सदस्य
होंगे ।
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10
|
"वर्ष" का अर्थ एक अप्रेल से 31 मार्च तक होगा
।
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6
|
सदस्यता
की श्रेणियाँ व पात्रता
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1.
संस्थापक अध्यक्ष
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श्री भगवती लाल मंत्री आजीवन संस्था के संस्थापक अध्यक्ष
रहेंगे ।
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2.
संरक्षक सदस्य
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विद्याभवन पॉलिटेक्निक के पदेन प्राचार्य सहित समस्त
पूर्व प्राचार्य संस्था के संरक्षक सदस्य होंगे ।
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3.
आजीवन सदस्य
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संस्था के वे पूर्व विद्यार्थी आजीवन सदस्य बनाये जा
सकेंगे जिन्होंने निर्धारित प्रपत्र में आवेदन किया हो व इस संस्था के विधान
में अपनी निष्ठा व्यक्ति की हो तथा निर्धारित शुल्क जमा कराया हो ।
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||
4.
मानद् सदस्य
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1
|
वे अध्यापक जिन्होंने विद्या भवन पॉलिटेक्निक महा
विद्यालय में कम से कम दो वर्ष तक कार्य किया हो व संस्था के मानद् सदस्य बनने
को सहमत हों, उन्हें मानद् सदस्य नि:शुल्क मनोनीत किया जा सकेगा ।
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|
2
|
वे गण्यमान्य व्यक्ति जो उदयपुर स्थित किसी और संस्था/संस्थान
में कार्यरत हों व अभियांत्रिकी क्षेत्र में उनका कोई उल्लेखनीय योगदान हो, वे
संस्था के मानद् सदस्य नि:शुल्क बनाए जा सकेंगे ।
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5.
सह सदस्य
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वे विद्यार्थी जो विद्या भवन पॉलिटेक्निक के किसी भी
संकाय में अंतिम वर्ष के विद्यार्थी हों, निर्धारित शुल्क जमा कर इस संस्था के
सह सदस्य बनाए जा सकेंगे । यह सदस्यता मातृ संस्था छोड़ने के एक वर्ष तक
जीवित रहेगी ।
|
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6.
सदस्यता शुल्क
|
विभिन्न श्रेणियों के लिए प्रति पाँच वर्ष में सदस्यता
शुल्क का निर्धारण कार्य समिति करेगी जिसका अनुमोदन अगली वार्षिक आम सभा में
किया जायेगा। यह जानकारी संस्था की वेब साइट पर उलब्ध कराई जायेगी। जहाँ कहीं
भी ‘’इकाई’’ कार्यालय सृजित किया जाता है वहाँ ऐसे गठन के बाद सदस्यता शुल्क
का 40 प्रतिशत भाग इकाई कार्यालय अपने स्वयं के व्यय हेतु रख सकेगा व 60
प्रतिशत भाग मुख्य कार्यालय को प्रेषित करना होगा जहाँ से सदस्यता जारी की
जाएगी ।
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7
|
संस्था
संचालन व्यवस्था
|
क
|
संस्था ससंचालन हेतु इसके सभी सदस्यों की आम सभा, नीति
निर्धारण, कार्यकारिणी के निर्णयों का अनुमोदन आदि बहुमत से करेगी । आम सभा वर्ष
में एक बार मई माह के दूसरे शनिवार को होगी । बैठकों में वोट देने का अधिकार
केवल उपस्थित आजीवन सदस्यों को होगा । प्रति दो वर्ष में एक बार यह सभा कार्य
समिति द्वारा प्रस्तावित आगीमी कार्य समिति का अनुमोदन करेगी ।
|
ख
|
कार्य समिति
संस्था के संचालन व इसके उद्देश्यों की पूर्ति हेतु एक
कार्य समति का गठन दो वर्ष के कार्यकाल हेतु किया जाएगा जिसमें निम्नलिखित
पदाधिकारी होंगे-
1 संस्थापक
अध्यक्ष - 1
2 अध्यक्ष - 1
3 संरक्षक सदस्य
एवं पदेन प्राचार्य
4 उपाध्यक्ष - 1
5 महा सचिव - 1
6 सचिव - 1
7 कोषाध्यक्ष - 1
8 सूचना एवं
सम्पर्क सचिव - 1
9 तत्काल
पूर्व कार्य समिति के अध्यक्ष - 1
10 तत्काल पूर्व कार्य समिति के महा सचिव -1
11 समस्त इकाई
अध्यक्ष
12 मनोनीत सदस्य - 5
|
||
ग
|
इकाई समिति
अध्यक्ष - 1
उपाध्यक्ष - 1
सचिव - 1
उप सचिव - 1
वित्त सचिव - 1
मनोनीत सदस्य - 3
|
||
घ
|
लेखा व्यवस्था
कार्य समिति व इाकई समितियाँ अपनी लेखा-प्रणाली स्वयं
निर्धारित कर सकेंगी। यथा संभव भुगतान चैक द्वारा किया जाएगा व न्यूनतम राशि ही
नकद रूप में रखी जाएगी । शेष राशि सविंग या एफ.डी. के रूप में प्रतिष्ठित बैंकों
में रखी जायेगी। संस्था का वार्षिक लेखा, ऑडिट करवा कर आगीमी आम सभा/इकाई सभा
में प्रस्तुत करेगी साथ ही बजट अनुमोदन भी करवाएगी। इसे संस्था की वेब साइट पर
भी उपलब्ध कराया जाएगा ।
|
||
ड.
|
रिकार्ड संधारण
आम सभाओं कार्यकारिणी की बैठकों इकाई समिति की बैठकों के
कार्यविवरण संधरित किए जाएँगे व आगामी बैठकों में अनुमोदन किया जाएगा । इन्हें
संस्था की वेब साइट पर भी उपलब्ध कराया जायेगा ।
|
||
9
|
मनोनयन
|
कार्य समिति पाँच सदस्य और इकाई समिति तीन सदस्य मनोनीत
करेगी जो कार्य समिति के सहवृत सदस्य होंगे। इनका कार्यकाल भी दो वर्ष का होगा ।
|
|
10
|
विशेषाधिकार
|
उन मामलों पर जिनके लिए संविधान में प्रावधान नहीं है
तथा जिन पर निर्णय संस्था के हितार्थ आवश्यक है कार्यसमिति बहुमत से तत्काल
निर्णय ले सकेगी लेकिन ऐसे सभी निर्णयों को आगामी आम सभा में अनुमोदन के
लिये प्रस्तुत किया जायगा ।
|
|
11
|
विधान
संशोधन
|
1
|
इस विधान में कोई भी संशोधन मई माह के दूसरे शनिवार को
आयोजित होने वाली सामान्य आम सभा अथवा इसी प्रयोजन से न्यूनतम एक माह के नोटिस
के साथ बुलाई गई विशेष आम सभा में दो तिहाई बहुमत से किया जा सकेगा । इस हेतु
आजीवन सदस्यों के 25 प्रतिशत की उपस्थिति गणपूर्ति (कोरम) हेतु आवश्यक होगी ।
|
2
|
सप्रयास भी गणपूर्ति पूरी नहीं होने पर ऐसे प्रयासों का
इन्द्राज करते हुए कार्य समिति कभी भी पुन: आम सभा की बैठक आहूत कर सकेगी जिसमें
गणपूर्ति की आवश्यकता नहीं रहेगी ।
|
||
3
|
चुनाव उपनियम एवं अन्य उपनियम संशोधन कार्यसमिति बहुमत
द्वारा कर सकेगी।
|
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12
|
सदस्यों
द्वारा देय शुल्क एवं चन्दा
|
क
|
कार्यसमिति प्रति पाँच वर्ष में सदस्यता शुल्क में
संशोधन कर सकेगी जिसकी जानकारी आगामी आम सभा में दी जायगी ।
|
ख
|
संस्था अपनी संचित राशि हेतु एवं अपने उद्देश्यों की
प्राप्ति हेतु चन्दा अथवा उचित योगदान ग्रहण कर सकेगी।
|
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13
|
कार्य
समिति के कर्तव्य एवं अधिकार
संरक्षक एवं पदेन
प्राचार्य
|
1
|
समय समय पर संस्था के हितों को ध्यान में रखकर
मार्गदर्शन करना ।
|
2
|
संस्था की गतिविधियों, रिकार्ड तथा कोष पर नजर रखते हुए
इन्हें सुरक्षित रखने के लिए मार्ग निर्देश देना ।
|
||
3
|
संस्था की गतिविधियाँ निरन्तर चलती रहे इस हेतु कार्य
समिति को सहयोग व दिशा निर्देश देना ।
|
||
अध्यक्ष
|
1
|
समय-समय पर कार्यसमिति एवं साधारण सभा की बैठकों की अध्यक्षता
करना ।
|
|
2
|
संस्था की गतिविधियाँ निरन्तर चलती रहे इस हेतु समन्वित
प्रयास करना ।
|
||
3
|
महा सचिव को साधारण सभा से पहले वार्षिक प्रतिवेदन हेतु
निर्देश देना तथा सभी बैठकों का विवरण ठीक से रखा जा रहा है यह सुनिश्चित करना ।
|
||
4
|
कार्यसमिति एवं अन्य कर्मठ सदस्यों के सहयोग से फण्ड
एकत्र करना ।
|
||
उपाध्यक्ष
|
अध्यक्ष को पूर्ण सहयोग देते हुए उनकी अनुपस्थिति में
कार्य समिति एवं साधारण सभा की अध्यक्षता करना एवं वे सभी कार्य करना जिसकी अध्यक्ष
से अपेक्षा हो।
|
||
महा
सचिव
|
1
|
अध्यक्ष से मार्गदर्शन लेते हुए कार्य समिति एवं साधारण
सभा की बैठकें आहूत करना-
|
|
2
|
कार्य समिति की वर्ष में कम से कम चार बैठकें आहूत करना।
|
||
3
|
साधारण सभा की कम से कम एक बैठक हर वर्ष मई के दूसरे
शनिवार को आहूत करना तथा इस बैठक में वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत करना।
|
||
4
|
कार्यवाही विवरण सुचारु रखना एवं वेब साइट पर उपलब्ध
कराना।
|
||
5
|
संस्था के लेखा जोखा पर नियंत्रण रखना तथा संस्था की
बेलेंस शीट एवं बजट वैब साइट पर डालना ।
|
||
7
|
कोषाध्यक्षको वार्षिक बजट बनाने में मदद करना तथा इसे
कार्य समिति एवं साधारण सभा में प्रस्तुत करना।
|
||
8
|
संस्था के लिये संस्था कार्यों के लिए हस्ताक्षर एवं
पत्र व्यवहार करना।
|
||
9
|
साधारण सभा एवं कार्य समिति के निर्णयों पर अग्रिम
कार्यवाही करना।
|
||
सचिव
|
1
|
संस्था के संचालन में महा सचिव के हर कार्य में सहयोग
प्रदान करना ।
|
|
2
|
महा सचिव के अनुपस्थिति में संपूर्ण जिम्मेदारी वहन
करना ।
|
||
3
|
मुख्य रूप से कार्य समिति की बैठक का रिकार्ड रखना ।
|
||
कोषाध्यक्ष
|
1
|
कोषाध्यक्ष संस्था के कोष (संचित राशि) के संवर्धन
हेतु फंड एकत्रित करने का कार्य करेगा ।
|
|
2
|
वार्षिक बजट बनाना तथा आय-व्यय का हिसाब रखना तथा इसे
साधारण सभा में प्रस्तुत करना ।
|
||
सूचना
एवं संपर्क सचिव
|
1
|
संस्था की वेब साइट पर संस्था की सभी जानकारियाँ अपडेट
करने में महा सचिव की सहायता करना ।
|
|
2
|
संस्था की सभी इकाइयों एवं सदस्यों को संस्था की
गतिविधियों से अवगत कराना तथा सदस्य बनाना।
|
||
14
|
चुनाव
|
||
अ-
कार्य समिति
|
1
|
निवर्तमान
कार्यसमिति अपना कार्यकाल समाप्त होने से पहले नई कार्य समिति के गठन की
प्रक्रिया जिस वर्ष चुनाव होने हैं उससे पहले मार्च के प्रथम सप्ताह में एक
सूचना जारी करेगी । इस सूचना को वेब साइट पर डालना तथा समुचित प्रचार माध्यम से सभी सदस्यों को चुनाव हेतु
आमंत्रण देना होगा ।
|
|
2
|
जो व्यक्ति स्वैच्छा से किसी पद का उम्मीदवार होना
चाहता है वह लिखित में अपनी स्वीकारोक्ति महा सचिव को देगा ।
|
||
3
|
निवृत्त होने वाली कार्य समिति अपनी एक समिति गठित करेगी
जो कार्य समिति के सभी पदों के योग्य व्यक्तियों का पेनल बनायेगी और स्वैच्छा से प्राप्त नामों पर विचार भी
करेगी ।
|
||
4
|
कार्य समिति तत्पश्चात् अगली कार्य समिति घोषित करेगी ।
यह सारी प्रक्रिया 7 अप्रेल तक पूरी करने का प्रयास किये जावेंगे ।
|
||
5
|
नई कार्यकारिणी साधारण सभा में पदेन होगी ।
|
||
ब
- इकाई समिति
|
इकाई समिति का गठन इकाई सदस्यों द्वारा आम सहमति अथवा
इकाई के समस्त सदस्यों की बैठक में उपस्थित सदस्यों द्वारा मतदान से किया
जायेगा।
|
||
15
|
सदस्यता
समाप्ति
|
1
2
3
|
सदस्य की मृत्यु हो जाने पर
किसी सदस्य के पागल या दिवालिया हो जाने पर
संघ के नियमों की पालना नहीं करने या इनके विरुद्ध कार्य
करने या संघ की छवि बिगाड़ने या प्रोफेशनल एथिक्स की पालना नहीं करने की लिखित
शिकायत मिलने सुनवाई का अवसर देकर, दोषी पाये जाने पर कार्यकारिणी किसी सदस्य की
सदस्यता समाप्त कर सकेगी ।
|
16
|
नियम
- उप नियम
|
कार्य समिति संस्था के सुचारु संचालन के लिये ‘’नियम
उपनियम'' बना सकेगी जिसे साधारण सभा में पारित करना होगा ।
|
|
17
|
बैंक
खातों का संचालन
|
बैंक खातों का संचालन निम्नलिखित पदाधिकारियों में से
कोई दो सदस्य कर सकेंगे – 1. अध्यक्ष 2. संरक्षक 3. महासचिव
4. कोषाध्यक्ष
|
|
18
|
विघटन
|
इस संस्था का विघटन इसी प्रयोजन से बुलाई गई आम सभा तीन
चौथाई बहुमत से कर सकेगी। इस हेतु आजीवन सदस्यों के 50 प्रतिशत की उपस्थिति
गणपूर्ति हेतु आवश्यक होगी। विघटन की स्थिति में संस्था की परिसम्पत्तियाँ
एवं राशि विद्या भवन पॉलिटेक्निक महाविद्यालय की होंगी।
|
|
उपनियम
चुनाव -
1.
महा सचिव व कोषाध्यक्ष
पॉलिटेक्निक में कार्यरत अध्यापकों में से चुना जाएगा।
2.
एक कार्य समिति, आम सभा में
बहुमत के आग्रह पर एक टर्म और कार्य कर सकेगी । पुरानी कार्य समिति का कोई भी सदस्य
अगली कार्य समिति में चयनित किया जा सकेगा परन्तु अधिकतम निरन्तर तीन टर्म तक ही
सदस्य कार्य समिति में रह सकेगा ।
3.
अध्यक्ष पद की पात्रता हेतु
न्यूनतम एक कार्य अवधि तक कार्य समिति की सदस्यता आवश्यक होगी ।
4.
कार्य समिति के किसी भी पद
हेतु कम से कम दो वर्ष की आजीवन सदस्यता अनिवार्य होगी।
सदस्यता
शुल्क
सदस्यता
शुल्क निम्नानुसार होगा-
1. सन् 1987 तक उत्तीर्ण पूर्व विद्यार्थी स्वेच्छानुसार
1. सन् 1987 तक उत्तीर्ण पूर्व विद्यार्थी स्वेच्छानुसार
2. सन्
1988 से 2011 तक उत्तीर्ण पूर्व विद्यार्थी रू. 1000/-
3. सन्
2011 के पश्चात् उत्तीर्ण पूर्व विद्यार्थी रू.
2500/-
4. सह
सदस्य रू.
200/-
नोट -
(1) दिनांक 20.9.2012 की कार्यकारिणी बैठक में गठित विधान निर्माण समिति द्वारा यह विधान बनाया गया और दिनांक 11.5.2013 के स्थापना दिवस समारोह के दौरान आम सभा में पारित हुआ
(2) विधान निर्मात्री समिति के सदस्य - सर्व श्री भगवती लाल जी मंत्री, ज्ञान प्रकाश सोनी, शांति लाल गोदावत, नवीन व्यास, अनिल मेहता, राजकुमार भटनागर, जयकांत दवे, जय प्रकाश श्रीमाली, महेन्द्र समधानी
(3) दिनांक 27.12.2014 की कार्यकारिणी बैठक में प्रस्तावित रजिस्ट्रेशन कार्रवाही में "संघ" नाम की संभावित बाधा को देखते हुए "संस्था" शब्द काम में लेने का निर्णय हुआ
(4) रजिस्ट्रार कार्यालय की आपत्तियों को दे खते हुए पूरा विधान उनके फॉर्मेट के आधार पर परिवर्तित किया गया और दिनांक 27.12.2015 की विशेष सभा जिसमें सभी मूल प्रस्तावक आमंत्रित थे, अनुमादित किया गया । उसके बाद से यह विधान प्रभावहीन हो गया
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