Saturday, 10 May 2014

आपकी मातृ संस्था


आपको यह जान कर प्रसन्नता होगी कि जो संस्था सन् 1956 में, एक विषय - सिविल एवं रूरल इंजिनियरिंग, में 20-25 विद्यार्थियों को डिप्लोमा प्रदान करने की  क्षमता से प्रारंभ हुई, आज पाँच विषयों - सिविल, इलेक्ट्रिकल, इलेक्ट्रोनिक्स, कम्प्यूटर साइंस और इन्फॉरमेशन टैक्नोलॉजी में तीन वर्षीय डिप्लोमा प्रदान करती है ।  अभी यहाँ शैक्षिक व गैर शैक्षिक कुल कर्मचारियों की संख्या 65 है ।

इसके अलावा "पॉलिमर साइंस एवं रबर टैक्नोलॉजी" में डेढ़ वर्षीय पोस्ट डिप्लोमा कोर्स भी यहाँ पर  उपलब्ध है । देश में यह पहला ऐसा कोर्स है जिसमें डिप्लोमा व डिग्री धारी, दोनों ही प्रवेश ले सकते हैं। यह भी महत्वपूर्ण यह है कि इस पाठ्यक्रम को उद्योग व शिक्षा जगत की भागीदारी में सफ़लतापूर्वक संचालित किया जा रहा है ।

मानव संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार,  के सहयोग से पॉलिटेक्निक के माध्यम से समुदाय विकास (community development through polytechnic) का एक कार्यक्रम भी यहाँ संचालित हो रहा है ।

वर्तमान में प्रतिवर्ष करीब 250 विद्यार्थी यहाँ प्रवेश लेते हैं और कई प्रतिष्ठित कंपनियाँ, जैसे लार्सेन एंड टबरो, हिंदुस्तान कंस्ट्रक्शन, टाटा मोटर्स, जे पी ग्रूप, बिरला सीमेंट, जे के लक्ष्मी सीमेंट, बिनानी सीमेंट, आदित्य बिरला सीमेट, भारत संचार निगम, हिंदुस्तान ज़िक, जे के टायर, सिंप्लेक्स, सिक्योर मीटर्स, रिक्को,  भारतीय रेल, आदि  के अलावा सार्वजनिक निर्माण, जलदाय और जल संसाधन विभाग, राजस्थान सरकार आदि में यहाँ से उत्तीर्ण हुए विद्यार्थियों का चयन हुआ है ।

भारत सरकार के मानव संसाधन मंत्रालय ने इस पॉलिटेक्निक को
BEST POLYTECHNIC AWARD
प्रदान किया है ।

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