Wednesday, 27 May 2015

49 वाँ स्थापना दिवस व अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों का विदाई समारोह संपन्न

प्रतिवर्ष की भाँति इस वर्ष भी मई के दूसरे शनिवार यानि 9 मई, 2015 को इस संस्था का स्थापना दिवस मनाया गया । इस वर्ष की विशेषता यह थी कि पॉलिटेक्निक के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों का विदाई समारोह भी इसी कार्यक्रम के साथ रखा गया । इससे उपस्थिति तो बढ़ी ही, अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को पुराने विद्यार्थियों से मिलने जुलने का मौका भी मिला । समारोह के मुख्य अतिथि विद्याभवन सोसायटी के अध्यक्ष श्री रियाज़ तहसीन थे और अध्यक्षता संस्था के अध्यक्ष श्री ज्ञान प्रकाश सोनी ने की । संस्था का परिचय श्री बी. एल मंत्री ने दिया व वार्षिक रिपोर्ट का वाचन संस्था के महासचिव श्री जय प्रकाश श्रीमाली ने किया । कार्यक्रम के कुछ फोटो आप मुख्य पृष्ठ के फ़ोटो गैलेरी टैग पर क्लिक कर देख सकते हैं ।  अधिक विवरण आगे पढ़िये ।

कार्यक्रम का प्रारंभ गणपति वंदना से हुआ । हर ब्राँच के हर वर्ष (तीनों वर्ष) में प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र व नकद राशि रू. 1000/-, 750/- व 500/- प्रदान की गई । साथ ही श्री भोलाराम जी अग्रवाल व श्री रामपाल सोनी से प्राप्त आर्थिक सहायता से पॉलिटेक्निक की हर ब्राँच के  द्वितीय वर्ष के एक एक ऐसे छात्र, कि जो आर्थिक रूप से कमज़ोर है, का चयन कर प्रत्येक को 11,000/ की आर्थिक सहायता प्रदान की गई । इसके अतिरिक्त संस्था के प्रथम प्राचार्य श्री सी एस एल अग्रवाल सा एवं दूसरे प्राचार्य श्री सी आर बी राव के परिजनों के अर्थिक सहयोग से पॉलिटेक्निक के एक छात्र व एक छात्रा को सर्वोत्तम विद्यार्थी के रूप में चयनित कर प्रत्येक को 5,000/- की प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई । संस्था में कार्य कर रहे व्यक्तियों के जो बच्चे संस्था में अध्ययनरत हैं ऐसे तीन विद्यार्थियों को 5000/- रूपये प्रत्येक की आर्थिक सहायता भी प्रदान की गई ।
इस पॉलिटेक्निक से आज से 50 वर्ष पूर्व उत्तीर्ण (यानि 1965 बैच) विद्यार्थियों को व आज से 25 वर्ष पूर्व उत्तीर्ण (यानि 1990 बैच) विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह व दुशाला ओढ़ा कर सम्मान किया गया । साथ ही पालिटेक्निक के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को विदाई देते हुए प्रत्येक का दुशाला ओढ़ा कर सम्मान किया गया ।
इसी कार्यक्रम के साथ पॉलिटेक्निक के नवीनीकृत सेमिनार हॉल का उद्घाटन भी मुख्य अतिथि के हाथों करवाया गया । अंत में सहभोज का आयोजन हुआ ।

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